/ Sep 03, 2025
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रायपुर। बिल्डर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (बीएआई) की छत्तीसगढ़ इकाई ने राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सौंपा है। इसके तहत छत्तीसगढ़ के बेरोजगार आदिवासी युवाओं, समर्पित नक्सलियों और अन्य बेरोजगार युवकों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना है।
बीएआई ने इन युवाओं को प्रशिक्षित करने के बाद रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली है। गुरुवार 20 अगस्त को रायपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बीएआई की छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमैन रुपेश सिंघल, पूर्व चेयरमैन कंवलजीत सिंह ओबेरॉय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केसी राव और चेयरमैन ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के अलोक शिवहरे ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएआई प्रतिवर्ष 2000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करता है, लेकिन कुशल कर्मकारों की कमी एक बड़ी चुनौती है।
एसोसिएशन का कहना है कि यदि राज्य सरकार इन युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान करे, तो वे उन्हें रोजगार से जोड़ने में पूर्ण सहयोग करेंगे। पदाधिकारियों ने चिंता जताई कि छत्तीसगढ़ के श्रमिक, विशेषकर बस्तर क्षेत्र के 20 हजार से अधिक युवा, रोजगार के लिए अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
यदि इन युवाओं को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण और रोजगार मिले, तो यह पलायन रुकेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। बीएआई ने सरकार से अपील की है कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएं, जहां आदिवासी और नक्सल प्रभावित युवाओं को निर्माण क्षेत्र से जुड़े कौशल सिखाए जाएं।
इससे न केवल बेरोजगारी कम होगी, बल्कि नक्सलवाद जैसे मुद्दों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एसोसिएशन ने इस पहल को सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
रायपुर। बिल्डर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (बीएआई) की छत्तीसगढ़ इकाई ने राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सौंपा है। इसके तहत छत्तीसगढ़ के बेरोजगार आदिवासी युवाओं, समर्पित नक्सलियों और अन्य बेरोजगार युवकों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना है।
बीएआई ने इन युवाओं को प्रशिक्षित करने के बाद रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली है। गुरुवार 20 अगस्त को रायपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बीएआई की छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमैन रुपेश सिंघल, पूर्व चेयरमैन कंवलजीत सिंह ओबेरॉय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केसी राव और चेयरमैन ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के अलोक शिवहरे ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएआई प्रतिवर्ष 2000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करता है, लेकिन कुशल कर्मकारों की कमी एक बड़ी चुनौती है।
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