/ Jul 18, 2025
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कोरबा। एसईसीएल दीपका विस्तार परियोजना हेतु ग्राम मलगांव में चिन्हाकित भूमि पर स्थिति परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण के दौरान मुआवजे के लिये तैयार सूची में लगभग 152 मकान के काल्पनिक होने का खुलासा हुआ है। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर एसडीएम कटघोरा रोहित सिंह, राजस्व अमला तथा एसईसीएल दीपका के अधिकारियों की टीम द्वारा जांच किये जाने पर 152 मकान काल्पनिक होने का मामला सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कटघोरा एसडीएम ने एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मलगांव के काल्पनिक मकान के मुआवजा को निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपका विस्तार परियोजना हेतु कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन एवं विकास) अधिनियम 1957 के प्रावधानों की धारा 9 (1) की अधिसूचना क. 3095 दिनांक 24.11.2004 के तहत एसईसीएल दीपका द्वारा ग्राम मलगांव की 63.795 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया था। उपरोक्त उल्लेखित भूमि पर स्थित परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण वर्ष 2022-23 में इस कार्य हेतु गठित दल ने एसईसीएल दीपका में पदस्थ कर्मचारियों के सहयोग से पूर्ण किया गया था। सर्वेक्षण के दौरान कुल 1638 मेजरमेंट बुक तैयार की गई थी, उक्त मेजरमेंट बुक के आधार पर गणना पत्रक तैयार किया गया था।
मई 2025 में ग्राम मलगांव में स्थित परिसम्पत्तियों को हटाकर पूर्णतः विस्थापित किये जाने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि मेजरमेंट बुक के अनुसार भौतिक रूप से परिसंपत्तियां उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में एसईसीएल दीपका के द्वारा 78 ऐसे मकानों की सूची उपलब्ध कराई गई, जो मौके पर स्थित नहीं हैं, अर्थात काल्पनिक मकान है। इसी प्रकार विस्थापन के दौरान मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारी / कर्मचारी द्वारा 74 मकानों की सूची जिसमें वर्ष 2018 से 2022 के गूगल अर्थ की फोटो संलग्न की गई। गूगल अर्थ की फोटो के अवलोकन से स्पष्ट रूप से पाया गया कि उक्त 74 मकान भी मौके पर स्थित नहीं हैं, अर्थात काल्पनिक मकान है। 1638 मेजरमेंट बुक के आधार पर तैयार किया गया गणना पत्रक में प्रथम दृष्टया कुल 152 मकान काल्पनिक मकान के रूप में पाये गये, जिनकी गणना गलत मेजरमेंट बुक के आधार पर किया गया है।
एसडीएम ने एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर 152 काल्पनिक मकानों की परिसम्पत्तियों को भुगतान किसी भी परिस्थिति में नहीं करने और यदि किसी मकान का भुगतान कर दिया गया है तो संबंधितों से वसूली की कार्यवाही प्रारंभ कर 15 दिवस के भीतर राशि वसूल करनें, साथ ही सभी काल्पनिक मकानों की परिसंपत्तियों का मुआवजा निरस्त करने की प्रक्रिया 03 दिवस में पूर्ण कर एसडीएम कार्यालय कटघोरा को निरस्त मुआवजा राशि के साथ अवगत कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिया गया है।
कोरबा। एसईसीएल दीपका विस्तार परियोजना हेतु ग्राम मलगांव में चिन्हाकित भूमि पर स्थिति परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण के दौरान मुआवजे के लिये तैयार सूची में लगभग 152 मकान के काल्पनिक होने का खुलासा हुआ है। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर एसडीएम कटघोरा रोहित सिंह, राजस्व अमला तथा एसईसीएल दीपका के अधिकारियों की टीम द्वारा जांच किये जाने पर 152 मकान काल्पनिक होने का मामला सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कटघोरा एसडीएम ने एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मलगांव के काल्पनिक मकान के मुआवजा को निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपका विस्तार परियोजना हेतु कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन एवं विकास) अधिनियम 1957 के प्रावधानों की धारा 9 (1) की अधिसूचना क. 3095 दिनांक 24.11.2004 के तहत एसईसीएल दीपका द्वारा ग्राम मलगांव की 63.795 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया था। उपरोक्त उल्लेखित भूमि पर स्थित परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण वर्ष 2022-23 में इस कार्य हेतु गठित दल ने एसईसीएल दीपका में पदस्थ कर्मचारियों के सहयोग से पूर्ण किया गया था। सर्वेक्षण के दौरान कुल 1638 मेजरमेंट बुक तैयार की गई थी, उक्त मेजरमेंट बुक के आधार पर गणना पत्रक तैयार किया गया था।
मई 2025 में ग्राम मलगांव में स्थित परिसम्पत्तियों को हटाकर पूर्णतः विस्थापित किये जाने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि मेजरमेंट बुक के अनुसार भौतिक रूप से परिसंपत्तियां उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में एसईसीएल दीपका के द्वारा 78 ऐसे मकानों की सूची उपलब्ध कराई गई, जो मौके पर स्थित नहीं हैं, अर्थात काल्पनिक मकान है। इसी प्रकार विस्थापन के दौरान मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारी / कर्मचारी द्वारा 74 मकानों की सूची जिसमें वर्ष 2018 से 2022 के गूगल अर्थ की फोटो संलग्न की गई। गूगल अर्थ की फोटो के अवलोकन से स्पष्ट रूप से पाया गया कि उक्त 74 मकान भी मौके पर स्थित नहीं हैं, अर्थात काल्पनिक मकान है। 1638 मेजरमेंट बुक के आधार पर तैयार किया गया गणना पत्रक में प्रथम दृष्टया कुल 152 मकान काल्पनिक मकान के रूप में पाये गये, जिनकी गणना गलत मेजरमेंट बुक के आधार पर किया गया है।
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