/ Jul 14, 2025
Trending
रायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशालय विस्तार सेवाएं द्वारा राज्य कृषि प्रबंधन और विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान, हैदराबाद के वित्तीय सहयोग से ग्रामीण युवाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत ‘‘स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण और पैकेजिंग’’ विषय पर छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 फरवरी से 4 मार्च, तक ग्राम जोरा एवं ग्राम धरमपुरा में आयोजित किया गया। इन दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमां का मंगलवार को समापन किया गया समापन समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा थे। डॉ. टुटेजा ने कार्यक्रम में उपस्थित महिला प्रतिभागियों से कहा कि वे स्व सहायता समूह गठित कर फलों एवं सब्जियों के परिरक्षित खाद्य उत्पादों का निर्माण एवं विपणन कर घर बैठे अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें निदेशालय विस्तार सेवाएं की तरफ से परिरक्षित खाद्य पदार्थां के निर्माण एवं विक्रय हेतु हर संभव सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये। इन दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 18 से 40 वर्ष तक की 28-28 महिलाओं को फल एवं सब्ज्सियों के परिरक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
ग्राम जोरा एवं ग्राम धरमपुरा में आयोजित इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मौसमी सब्जियों एवं फलों के प्रसंस्करण एवं इससे निर्मित उत्पादों की पैकेजिंग आदि के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत महिलाओं को फलों के जैम, जैली, स्क्वाश, नेक्टर तथा टमाटर का कैचप, चटनी एवं सॉस तथा विभिन्न सब्जियों के अचार, ईमली का अचार, मशरूम का अचार एवं मशरूम से निर्मित अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही महिला प्रतिभागियों को कंदीय फसलों के प्रसंस्कण एवं मूल्य संवर्धन के बारे में भी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
छह दिवसीय आयोजित प्रशिक्षण कार्याक्रम में फलों एवं सब्जियों से निर्मित उत्पादों एवं उनके मूल्य संवर्धन करने के बारे में बताया गया इसके साथ ही साथ महिलाओं को विशेषज्ञों द्वारा महिला स्व-सहायता समूह बनाकर कार्य करने एवं घरेलू कार्य के साथ अतिरिक्त आय अर्जित करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।धरमपुरा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. नीता खरे थी और जोरा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ज्योति भट्ट थीं। इस अवसर पर इस योजना की नोडल अधिकारी डॉ. दीप्ति झा एवं निदेशालय विस्तार सेवाएं के अधिकारी तथा प्रशिक्षकगण उपस्थित थे।
रायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशालय विस्तार सेवाएं द्वारा राज्य कृषि प्रबंधन और विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान, हैदराबाद के वित्तीय सहयोग से ग्रामीण युवाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत ‘‘स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण और पैकेजिंग’’ विषय पर छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 फरवरी से 4 मार्च, तक ग्राम जोरा एवं ग्राम धरमपुरा में आयोजित किया गया। इन दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमां का मंगलवार को समापन किया गया समापन समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा थे। डॉ. टुटेजा ने कार्यक्रम में उपस्थित महिला प्रतिभागियों से कहा कि वे स्व सहायता समूह गठित कर फलों एवं सब्जियों के परिरक्षित खाद्य उत्पादों का निर्माण एवं विपणन कर घर बैठे अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें निदेशालय विस्तार सेवाएं की तरफ से परिरक्षित खाद्य पदार्थां के निर्माण एवं विक्रय हेतु हर संभव सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये। इन दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 18 से 40 वर्ष तक की 28-28 महिलाओं को फल एवं सब्ज्सियों के परिरक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
ग्राम जोरा एवं ग्राम धरमपुरा में आयोजित इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मौसमी सब्जियों एवं फलों के प्रसंस्करण एवं इससे निर्मित उत्पादों की पैकेजिंग आदि के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत महिलाओं को फलों के जैम, जैली, स्क्वाश, नेक्टर तथा टमाटर का कैचप, चटनी एवं सॉस तथा विभिन्न सब्जियों के अचार, ईमली का अचार, मशरूम का अचार एवं मशरूम से निर्मित अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही महिला प्रतिभागियों को कंदीय फसलों के प्रसंस्कण एवं मूल्य संवर्धन के बारे में भी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
छह दिवसीय आयोजित प्रशिक्षण कार्याक्रम में फलों एवं सब्जियों से निर्मित उत्पादों एवं उनके मूल्य संवर्धन करने के बारे में बताया गया इसके साथ ही साथ महिलाओं को विशेषज्ञों द्वारा महिला स्व-सहायता समूह बनाकर कार्य करने एवं घरेलू कार्य के साथ अतिरिक्त आय अर्जित करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।धरमपुरा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. नीता खरे थी और जोरा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ज्योति भट्ट थीं। इस अवसर पर इस योजना की नोडल अधिकारी डॉ. दीप्ति झा एवं निदेशालय विस्तार सेवाएं के अधिकारी तथा प्रशिक्षकगण उपस्थित थे।
It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using ‘Content here, content here’, making it look like readable English. Many desktop publishing packages and web page editors now use Lorem Ipsum as their default model text, and a search for ‘lorem ipsum’ will uncover many web sites still in their infancy.
It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using ‘Content here, content here’, making it look like readable English. Many desktop publishing packages and web page editors now use Lorem Ipsum as their default model text, and a search for ‘lorem ipsum’ will uncover many web sites still in their infancy.
The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using ‘Content here, content here’, making
The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using ‘Content here, content here’, making it look like readable English. Many desktop publishing packages and web page editors now use Lorem Ipsum as their default model text, and a search for ‘lorem ipsum’ will uncover many web sites still in their infancy.
It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution
Copyright BlazeThemes. 2023